त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है। त्योहार पर बाजार में मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। लागत कम करने और ज्यादा मुनाफे के चक्कर में कई लोग मिलावटी मावे की मिठाई बेचते हैं। यह सेहत के लिए हानिकारक है। इसके अलावा दूध, मसाले और अन्य खाने-पीने की चीजों में मिलावट आम है।
वैसे तो डॉक्टर और प्रशासन सलाह देता है कि इस त्योहार के सीजन में घर में बने पकवान का ही उपयोग करें, लेकिन फिर भी मावा और दूध जैसी चीजें बाजार से ही लेनी पड़ती हैं।
आपको कुछ घरेलू उपाय बता रहा है, जिससे आप घर में ही मिलावट की पहचान कर सकते हैं और अपने व अपने परिवार की सेहत का ख्याल रख सकते हैं।
मावा : त्योहारों पर अक्सर कई टन मिलावटी मावा पकड़ा जाता है। मिलावट की सबसे अधिक संभावना भी इसी में होती है। मावा में सिंथेटिक दूध, मैदा, वनस्पति घी, आलू, आरारोट मिलाया जाता है।
कैसे पहचानें मिलावट :
– मावा पर फिल्टर आयोडिन की दो से तीन बूंद डालें। यदि मावा काला पड़ जाता है तो इसमें मिलावट है।
– मावा चखने पर थोड़ा कड़वा और रवेदार महसूस होगा तो इसमें वनस्पति घी की मिलावट है।
– मावा लेते वक्त उंगलियों पर मसल के देखें, यदि वह दानेदार है तो यह मिलावटी मावा हो सकता है।
– आधा कप दूध को उतने ही पानी में मिलाएं, यदि झाग निकलता है तो उसमें डिटर्जेंट हो सकता है।
– सिंथेटिक दूध का स्वाद अच्छा नहीं होता। दूध को उंगलियों के बीच रगड़ें। साबुन जैसा लगे तो सिंथेटिक दूध हो सकता है या दूध गर्म करने पर पीला हो जाए तो भी यह सिंथेटिक दूध हो सकता है।
– दूध की थोड़ी सी मात्रा किसी सतह पर डालें, यदि दूध लकीर बनाते हुए फैले तो इसका मतलब है कि उसमें पानी ज्यादा मिला हुआ है।